Corporate Internet Banking
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प्रकटीकरण

भारतीय स्टेट बैंक 200 से अधिक वर्षों की राष्ट्र की अपनी सेवा के साथ सुरक्षा, विश्वास और निष्ठा का प्रतीक रहा है। इन मूल्यों के आधार पर हमने हमेशा ग्राहकों से अपने संबंध विकसित किए हैं। इंटरनेट बैंकिंग इन संबंधों को बेहतर बनाने का एक और प्रयास है। इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा के द्वारा बैंक अपने ग्राहकों को और अधिक समय तक बैंकिंग सेवा प्रदान करता है। उचित बैंकिंग व्यवहार संहिता के  संदर्भ में,  हम इंटरनेट बैंकिंग की विशेषताओं से आपको अवगत कराना चाहते हैं।

  1. यहप्रकटीकरण किस बारे मेंहै?
    1. इंटरनेट कितना सुरक्षित है यह बहस अब तक समाप्त नहीं हुई है। इसलिए हम कहेंगे कि इंटरनेट बैंकिंग चैनल के साथ इंटरनेट के क्षेत्र में निहित जोखिम भी आते हैं। दुनिया भर में स्मार्ट उपयोगकर्ताओं ने इन जोखिमों से निपटने के तरीका निकाल लिए हैं। बैंकों ने दुनिया भर में अपने ग्राहकों को इंटरनेट की ओर मोड़ा है जिससे उनकी दक्षता और सेवा की गुणवत्ता में भारी वृद्धि हुई है। यह ग्राहक ही हैं जिनको लाभ हुआ है। यही चीज हम अपने ग्राहकों के लिए चाहते हैं। हम वापस जोखिम के प्रश्न पर आते हैं, उचित व्यवहार यह कहता है कि उपयोगकर्ताओं को जोखिमों का आकलन करना चाहिए और इंटरनेट बैंकिंग द्वारा प्रदान किए गए खतरों एवं सुविधाओं के बीच संतुलन स्थापित करना चाहिए। एसबीआई ने बैंक की ओर से जोखिम को कम करने के लिए सुरक्षित और प्रभावी प्रणाली को अपनाया है। हम इसे एक सुरक्षित एवं निरापद चैनल बनाए रखने में आपकी ओर से भी सहयोग चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे ग्राहक जोखिम की वास्तविकता को समझें और अपनी ओर से उसे कम करने का प्रयास करें। इसमें उपयोगकर्ता द्वारा यूजरनेम और पासवर्ड का सुरक्षित तरीके से उपयोग और पूरी प्रणाली का समुचित उपयोग शामिल है।
  2. सुरक्षा पहलू
    1. भारतीय स्टेट बैंक का इंटरनेट बैंकिंग चैनल भौतिक और तार्किक दोनों रूप से आधुनिकतम सुरक्षा विशेषताओं द्वारा सुरक्षित है। इंटरनेट जैसे सार्वजनिक नेटवर्क पर लेनदेन में निहित विभिन्न जोखिमों पर एसबीआई ने विचार किया है और ग्राहकों की रक्षा के लिए उचित सुरक्षा उपाय लागू किए हैं। फायरवॉल केवल वैध वेब ट्रैफिक को हमारे सर्वर तक पहुँचने नहीं देता। सिद्ध 256 बिट सुरक्षित सॉकेट लेयर (एसएसएल) एन्क्रिप्शन प्रौद्योगिकी यह सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है कि आपके कंप्यूटर और https://retail.onlinesbi.sbi के बीच लेन-देन की सूचनाएं सुरक्षित हैं और उसमें घुसपैठ नहीं की जा सके। 'VeriSign' प्रमाणित करता है कि एक वैध सत्र के दौरान लेन-देन की जानकारी इंटरनेट पर अपने प्रसारण के दौरान सुरक्षित है। साथ ही, बैंक ने इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम जैसी प्रणालियों को स्थापित किया है।
  3. इंटरनेट बैंकिंग सेवा की उपलब्धता
    1. ग्राहकों के खाते कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (सीबीएस) में खोले और रखे जाते हैं जो 24 * 7 आधार पर कार्य नहीं करता है। इंटरनेट बैंकिंग ग्राहकों को केवल ऐसे खातों को देखने और / या लेनदेन की कुछ सुविधाएं प्रदान करता है। खाता (खातों) तक पहुंच की अनुमति सीबीएस की उपलब्धता के दौरान निर्धारित तरीके से दी जाती है।
    2. इंटरनेट बैंकिंग की कुछ सेवाएं बैंक के भीतर या बाहर अन्य स्रोत सिस्टम (ओएसएस) के साथ उपलब्ध कराई जाती हैं जो 24 * 7 आधार पर कार्य कर सकता है या नहीं भी कर सकता है। ऐसी सुविधाएं तभी उपलब्ध होंगी जब ओएसएस कार्य कर रहे होंगे। इंटरनेट बैंकिंग की उपलब्धता भी नेटवर्क की उपलब्धता पर निर्भर है। इसके अलावा, इंटरनेट बैंकिंग डाउन टाइम के दौरान उपलब्ध नहीं होगा।
    3. स्थायी अनुदेश / निर्धारित लेनदेन नियत दिनांक पर सुबह 8 बजे के बाद दिन के दौरान संपन्न किया जाता है और इसे करने के लिए लिया गया समय इंटरनेट बैंकिंग, सीबीएस और ओएसएस जैसी विभिन्न प्रणालियों पर कार्यभार की मात्रा पर निर्भर करता है।
  4. दी जाने वाली सेवाएं
    1. आनलाइन एसबीआई हमारे ग्राहकों के लिए एक वैकल्पिक चैनल है और यह शाखाओं में उपलब्ध अधिकांश सेवाएं प्रदान करता है। वित्तीय सेवाएं जैसे फंड ट्रांस्फर, तीसरे पक्ष को भुगतान, बिल भुगतान, बैंक खाते खोलना, ऋण खाता बंद करना, ऋण के एक हिस्से का भुगतान, पीपीएफ लेनदेन और डिमांड ड्राफ्ट जारी करना आदि इस सेवा के माध्यम से किया जा सकता है। इसी प्रकार गैर वित्तीय सेवाएं जैसे खाते की जानकारी देखना, चेक बुक के लिए अनुरोध, स्थायी अनुदेश जारी करना आदि इस चैनल के माध्यम से किया जा सकता है।
  5. नियंत्रणउपाय

    हमने आनलाइन एसबीआइ ग्राहकों के लिए निम्नलिखित परिचालन और नियंत्रण उपाय किए हैं:

    1. इंटरनेट बैंकिंग के लिए प्रवेश केवल पंजीकरण के बाद ही किया जा सकता है.
    2. यूजर आईडी तथा पासवर्ड आवंटन एक सुरक्षित व्यवस्था के तहत किया जाता है और इसका वितरण स्वचालित है।
    3. यूजर आईडी तथा पासवर्ड अभेद्य स्टेशनरी पर मुद्रित किए जाते हैं और ग्राहकों को अलग-अलग भेजे जाते हैं। वैकल्पिक रूप से, यूजर आईडी एसएमएस द्वारा भेज दिया जाता है और पासवर्ड पोस्टल मेल / कूरियर से भेजा जाता है। यूजर आईडी तथा पासवर्ड व्यक्ति को होम ब्रांच से भी उपलब्ध कराया जाता है। इससे जोखिम कम हो जाता है।
    4. पहले लॉगआन पर यूजर आईडी  और पासवर्ड बदलना अनिवार्य है।
    5. ​​सभी पत्राचार शाखा में दर्ज पते पर ही किया जाता है।
    6. ग्राहक के लॉगइन और संबंधित गतिविधियों पर नज़र रखी जाती है और भविष्य में संदर्भ के लिए संग्रहीत की जाती  है।
    7. ग्राहक लेनदेन की मौद्रिक मूल्य की सीमा तय कर सकते हैं, जो वे इस सेवा से चाहते हैं। ग्राहक इसे संशोधित कर सकते हैं।
  6.  कुछ श्रेणियों के लेनदेन के लिए दूसरी बार पुष्टि जैसे वनटाइम पासवर्ड भेजना आवश्यक है।
  7. सावधानियां

    बैंकिंग और अन्य लेनदेन के संचालन में सुरक्षा बढ़ाने के लिए, ग्राहक को निम्न तरीकों को अपनाने की सलाह दी जाती है। ये केवल एसबीआई साइट के लिए ही नहीं हैं। दुनिया भर में बैंक अपने ग्राहकों से पारस्परिक हित में ऐसा करने की उम्मीद करते  हैं।

    1. यूजर नेम और पासवर्ड इंटरनेट बैंकिंग साइट में प्रवेश की अनुमति देते हैं। स्मार्ट उपयोगकर्ता किसी व्यक्ति के करीब होने की स्थिति में कीबोर्ड पर  टाइपिंग से बचते हैं।
    2. लॉगइन और प्रोफाइल के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखें।
    3. आप अपने कंप्यूटर को अपनी पहुंच से बाहर न छोड़ें जब आप retail.onlinesbi.sbi से कनेक्ट हैं।
    4. अगर आपको यह लगता है कि आपके पासवर्ड के बारे में किसी को पता चल गया है तो आपके लिए यही ठीक होगा कि आप अपना पासवर्ड बदल लें। बैंकिंग लेनदेन के लिए 'अविश्वसनीय' सिस्टम के उपयोग करने से बचना अच्छा है।
    5. आप अपने सत्र के समाप्त होने के बाद https://retail.onlinesbi.sbi से लॉग ऑफ करें और ब्राउज़र विंडो को बंद करें। गलत ढंग से लॉगऑफ करने पर कुछ समय के लिए आपकी मशीन और https://www.onlinesbi.sbi के बीच कनेक्शन सक्रिय रहता है।
    6. अपनी डायरी या ऐसी जगह जहां दूसरों की पहुँच हो, में अपने यूज़रनेम और पासवर्ड लिखने से बचें।
    7. अपने कंप्यूटर में अपना यूज़रनेम और पासवर्ड 'याद'  रखना उचित नहीं है।
    8. अपने यूज़रनेम और पासवर्ड को किसी को न बताएं।
    9. अगर आपका कंप्यूटर डिवाइस मैलवेयर से मुक्त नहीं है तो ऑनलाइन एसबीआई  का उपयोग न करें।
  8. त्रुटियाँ
    1. समय समय पर अपने खाता विवरण की जाँच करें। खाता विवरण में कोई त्रुटि हो तो तुरंत बैंक को सूचित किया जाना चाहिए।