डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट्स (डीएससी) भौतिक या कागज रूप में उपलब्ध सर्टिफिकेट्स का डिजिटल रूप (इलेक्ट्रॉनिक फॉरमेट) होते हैं। कागज रूप में सर्टिफिकेट्स होते हैं - ड्राइवर लाइसेंस, पासपोर्ट या सदस्यता कार्ड। सर्टिफिकेट्स खास कामों के लिए किसी व्यक्ति की पहचान का प्रमाण होते हैं; उदाहरण के लिए, ड्राइवर लाइसेंस ऐसे व्यक्ति की पहचान का प्रमाण होता है, जो किसी देश विशेष में कानूनी तौर पर ड्राइव कर सकता है। इसी तरह, एक डिजिटल सर्टिफिकेट इंटरनेट पर अपनी पहचान को साबित करने, जानकारी या सेवाएँ लेने या किन्हीं डाक्यूमेंट को डिजिटल रूप में साइन करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।
जैसे कागज रूप में उपलब्ध डाक्युमेंट मैनुअली साइन किए जाते हैं, वैसे ही इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स जैसे ई-फार्म डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट का उपयोग करके डिजिटल रूप में साइन करने होते हैं।
एक लाइसेंसशुदा सर्टिफाइंग अथारिटी (सीए) डिजिटल सिग्नेचर जारी करती है। सर्टिफाइंग अथारिटी (सीए) वह व्यक्ति होता है जिसे भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 24 के तहत डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट जारी करने का लाइसेंस दिया गया है।
लाइसेंसशुदा सर्टिफाइंग अथारिटी (सीए) की सूची और उनकी संपर्क जानकारी कंट्रोलर आफ सर्टिफाइंग अथारिटीज (सीसीए) पोर्टल (www.cca.gov.in) में उपलब्ध है।
ऑनलाइन एसबीआई के लिए केवल क्लास 3 सर्टिफिकेट स्वीका
क्लास 3 सर्टिफिकेट पहचान का उच्चतम प्रमाण होता है इसलिए इसे प्राप्त करने के लिए आवेदक को अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के समक्ष स्वयं प्रस्तुत होना होता है।
सर्टिफाइंग अथॉरिटी को एक या दो वर्ष के लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है।
डिजिटल सिग्नेचर्स सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम – 2000 के तहत न्यायालय में कानूनी तौर पर स्वीकार्य हैं।
चरण 1:
उपयोगकर्ता (यूज़र) को लॉगइन करने के बाद एकबारगी रजिस्ट्रेशन करने के लिए "Digital Signature Certificate" टैब चुनना होता है।
(उपयोगकर्ता अपने पीसी/लैपटॉप में या तो डिजिटल सर्टिफिकेट इनस्टाल या सर्टिफिकेट वाले किसी हार्डवेयर डिवाइस को प्लग-इन करना होता है)।
चरण 2:
डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) सेलेक्ट करने के लिए एक पॉप-अप-एप्पलेट प्रदर्शित होगा।
चरण 3:
की एटंर करने के बाद एक फॉर्म रेफ्रेंस नंबर के साथ प्रदर्शित होगा। प्रिंट ऑप्शन भी प्रदर्शित होगा जिससे आप प्रिंटआउट ले पाएँगे। प्रिंटआउट पर अधिकृत व्यक्ति को हस्ताक्षर करने होंगे और इसे शाखा में प्रस्तुत करना होगा।
चरण 4:
शाखा का अधिकारी विवरण की जांच करके डीएससी को एक्टीवेट करेगा।
शाखा में एक बार डीएससी एक्टीवेट हो जाने का बाद निम्नलिखित प्रक्रिया पूरी करनी होगी
(उपयोगकर्ता को अपने पीसी/लैपटॉप में या तो डिजिटल सर्टिफिकेट इन्स्टाल या सर्टिफिकेट वाले किसी हार्डवेयर डिवाइस को प्लग-इन करना होता है।)
हाँ। डीएससी के एक बार एक्टीवेट हो जाने के बाद आपको इंटरनेट बैंकिंग वेबसाइट में लॉगइन करने के लिए इसकी आवश्यकता होगी। इससे आपको खतरों से बचाव के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध हो जाएगी।
चरण 1:
उपयोगकर्ता को प्रोफाइल सेक्शन खोलना होगा और लॉगइन करने के बाद "Re-register DSC" लिंक चुनना होगा।
(उपयोगकर्ता को अपने पीसी/लैपटॉप में या तो डिजिटल सर्टिफिकेट इन्स्टाल या सर्टिफिकेट वाले किसी हार्डवेयर डिवाइस को प्लग-इन करना होता है।)
चरण 2:
डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) को सेलेक्ट करने के लिए एक पॉप-अप एप्पलेट प्रदर्शित होगी।
चरण 3:
की एटंर करने के बाद एक फॉर्म रेफ्रेंस नंबर के साथ प्रदर्शित होगा। प्रिंट ऑप्शन भी प्रदर्शित होगा जिससे आप प्रिंटआउट ले पाएँगे। प्रिंटआउट पर अधिकृत व्यक्ति को हस्ताक्षर करने होंगे और इसे शाखा में प्रस्तुत करना होगा।
चरण 4:
शाखा के अधिकारी को विवरणों की जांच करके नया डीएससी एक्टीवेट करना होगा।
चरण 5:
अब उपयोगकर्ता नए डीएससी से लॉगइन कर सकेगा।
चरण 1:
उपयोगकर्ता को प्रोफाइल सेक्शन खोलकर "Deactivate DSC" लिंक चुनना होगा।
चरण 2:
एक बार डीएक्टीवेट हो जाने के बाद, उपयोगकर्ता का ऑथंटीकेशन अगली बार से मोबाइल में प्राप्त वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिये होगा।
आप इंटरनेट बैंकिंग में लॉगइन नहीं कर सकते और सर्टिफिकेट को री-रजिस्टर करने के लिए Re-register Certificate लिंक पर क्लिक करना होगा। यदि आप मोबाइल में वनटाइम पासवर्ड प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपनी शाखा में संपर्क करना होगा। शाखा का अधिकारी मोबाइल में वनटाइम पासवर्ड प्राप्त करने की आपकी पसंद दर्ज कर लेगा।