- उत्पाद के बारे में
एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड भारतीय स्टेट बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को पेश किया गया एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जिसमें एक्स्चेंज के माध्यम से होने वाले विदेशी मुद्रा वायदा क्रय-विक्रय करने की सुविधा उपलब्ध है। भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से उसके ग्राहक चार मुद्राओं में क्रय-विक्रय कर सकते हैं। ये मुद्राएँ हैं- अमरीकी डालर / भारतीय रुपया, यूरो / भारतीय रुपया, ग्रेट ब्रिटेन पाउंड/ भारतीय रुपया और जपानी येन/ भारतीय रुपया। इसके लिए सेबी और भारतीय रिज़र्व बैंक जैसे विनियामक प्राधिकरणों द्वारा अनुमति दी गई है। एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड ग्राहक के बैंक खाते से जुड़ा एक सुरक्षित, अचूक ऑनलाइन प्लेटफार्म है। ग्राहक अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग खाते के माध्यम से, आवश्यक मार्जिन ट्रांस्फर करने के बाद, देश भर में कहीं भी इन मुद्राओं में क्रय-विक्रय कर सकता है।
- एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड की विशेषताएँ
- दलाली की अपेक्षाकृत सस्ती दरें।
- बैंक खाता और ऑनलाइन ट्रेडिंग खातों के लिए एक ही प्लेटफार्म।
- लियन दर्ज कराने के लिए प्रावधान। पैसा तब तक ग्राहक के खाते में बना रहता है जब तक की सौदा पूरा नहीं हो जाता, इस प्रकार उसे ब्याज की कमाई होती है ।
- सुरक्षित और मजबूत ऑनलाइन प्लेटफार्म।
- भारत के सबसे भरोसेमंद और पारदर्शी बैंक का एक उत्पाद।
- करेंसी फ्यूचर्स क्या है ?
करेंसी फ्यूचर्स अनुबंध वायदा अनुबंध का एक मानकीकृत रूप है। यह कारोबार किसी भी मुद्रा में किया जा सकता है । इसमें एक निर्धारित मुद्रा को एक निर्धारित तिथि पर एक निर्धारित मूल्य पर एक निर्धारित मात्रा में क्रय / विक्रय हेतु एक करार किया जाता है। वर्तमान में, भारत में चार मुद्राओं अमरीकी डालर / भारतीय रुपया, यूरो / भारतीय रुपया, ग्रेट ब्रिटेन पाउंड / भारतीय रुपया और जपानी येन/ भारतीय रुपया में यह क्रय / विक्रय होता है। यह क्रय / विक्रय 1,000 इकाइयों के एक लॉट में बेस करेंसी में होता है। पर जापानी येन में क्रय-विक्रय आधार मुद्रा 100,000 इकाइयों के एक लॉट में होता है। ग्राहक के लिए निपटारा रुपये में ही किया जाता है, विदेशी मुद्रा में नहीं।
- करेंसी फ्यूचर्स के लाभ
- पारदर्शी एवं कम मूल्य
- सरल क्रय-विक्रय
- वायदा अनुबंधों में जैसे शाखा स्तर पर बहुत कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है पर हमारे साथ ऐसा नहीं है।
- प्रमाण जमा करने की कोई पूर्व शर्त नहीं।
- करेंसी फ्यूचर्स की संविदा के लिए आवश्यकताएँ
क्रम संख्या |
विशेषताएँ |
विवरण |
क) |
प्रतीक |
यूएसडालर / भारतीय रुपया, यूरो/भारतीय रुपया, ग्रेट ब्रिटेन पाउंड / भारतीय रुपया, जपानी येन/ भारतीय रुपया
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ख) |
ट्रेडिंग की इकाई |
1 (1 यूनिट का अर्थ 1000 ) जापानी येन (100,000) को छोड़ कर |
ग) |
आधार |
अमरीकी डालर/यूरो/ग्रेट ब्रिटेन पाउंड/जापानी येन के लिए भारतीय रुपये में विनिमय दर
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घ) |
टिक आकार |
भारतीय रुपया 0.0025 |
ङ) |
ट्रेडिंग का समय |
सोमवार से शुक्रवार (सुबह 9:00- शाम 05:00) |
च) |
अनुबंध व्यापार चक्र |
12 महीने का व्यापार चक्र। |
छ) |
निपटारे का अंतिम दिन |
अवधि- समाप्ति के माह का अंतिम कार्य दिवस। |
ज) |
क्रय-विक्रय सीमा |
ग्राहक (प्रति मुद्रा ): कुल ओपन इंटरेस्ट का 6% या 10 मिलियन अमरीकी डालर में से, जो भी अधिक हो
|
झ) |
न्यूनतम- प्रारंभिक मार्जिन |
अनुबंध के आनुमानिक मूल्य का 4%। |
ञ) |
उच्चतम हानि मार्जिन |
1% |
ट) |
निपटारा |
दैनिक: क्रय-विक्रय का दिन + 1 दिन
अंतिम: क्रय-विक्रय का दिन +2 दिन |
ठ) |
निपटारे का तरीका |
नकद समाधान भारतीय रुपये में |
ड) |
दैनिक निपटारा मूल्य (डीएसपी) : |
पिछले आधे घंटे के भारित औसत मूल्य के आधार पर गणना
|
ढ) |
अंतिम निपटारा मूल्य (एफएसपी ): |
भारतीय रिज़र्व बैंक की संदर्भ दर। (महीने के अंतिम कार्य दिवस को)
|
- एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड का प्रयोग करते हुए करेंसी फ्यूचर्स में क्रय-विक्रय कैसे करें ?
- चरण 1: एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड खाता खोलना
- जो ग्राहक मुद्रा वायदा बाजार में भाग लेने में रुचि रखते हैं, उन्हें आवश्यक रूप से एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड ट्रेडिंग खाता खोलना होता है। ट्रेडिंग खाते को फार्म मे निर्दिष्ट किए गए ग्राहक द्वारा खोले गए बचत / चालू खाते के साथ लिंक किया जाएगा। वर्तमान में, भारतीय स्टेट बैंक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आफ इंडिया (एनएसई) के साथ ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है।
- ग्राहक एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड खाता चुनिंदा शाखाओं में खोल सकता है पर वह खाता तभी खोल सकता है जब वह नियामकों सेबी और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट आवश्यक केवाईसी कागजात प्रस्तुत कर दे।
- केवाईसी कागजात के पूरा होने के बाद, ग्राहक का ट्रेडिंग खाता कुछ ही दिनों के भीतर खोला जाएगा और एक ईमेल उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ ग्राहक को भेजा जाएगा।
- चरण 2: लॉग इन और आवश्यक मार्जिन का प्रारंभ में ही आवंटन
- करेंसी फ्यूचर्स अनुबंध में लेनदेन करने के लिए, ग्राहक द्वारा बैंक को प्रारंभ में ही आवश्यक मार्जिन देने की जरूरत होती है। मार्जिन अनुबंध के मूल्य के 5% पर तय किया जाता है, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव को देखकर बैंक द्वारा संशोधित किया जा सकता है।
- उदाहरण के लिए, यदि एक ग्राहक रु.46 पर आने वाले महीने के अनुबंध खरीदता है (यानी अनुबंध के आनुमानिक मूल्य: Rs.46*1000 = 46,000), तो उसे 5% का मार्जिन प्रारंभ में ही देना होगा, जिसकी राशि रु. Rs.2300 (5% * 46,000)
- लॉगिंग इन और फंड ट्रांस्फर
- ग्राहक को retail.onlinesbi.sbi खोलकर होमपेज पर एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद, उन्हें पुनः लॉगिन पृष्ठ पर ले जाया जाएगा, जहां उन्हें आवश्यक विवरण एंटर करने होंगे। इसके बजाए ग्राहक www.nowonline.in/sbifxtrade यूआरएल पर भी कोशिश कर सकता है।
- लॉग इन के उपरांत ग्राहक को 'फंड ट्रांस्फर' के लिए जाना होगा तथा लियन की राशि को एंटर करना होगा और उसे retail.onlinesbi.sbi, लॉग इन के उपरांत ग्राहक को 'फंड ट्रांस्फर' के लिए जाना होगा तथा लियन की राशि को एंटर करना होगा और उसे
- चरण 3: क्रय-विक्रय के लिए राशि उपलब्ध कराना
इक्विटी की तरह, मूल्य में वृद्धि या कमी के अनुमान के आधार पर, ग्राहक को संबंधित मुद्राओं के मूल्य में होने वाले आशातीत परिवर्तन को देखते हुए अपनी राय बनानी होगी। ग्राहक तब तदनुसार मुद्राओं का करेंसी फ्यूचर्स ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर क्रय या विक्रय कर सकता है ।
- उदाहरण ए:
- उदाहरण के लिए, रुपये (यूएस डॉलर /भारतीय रुपया) का एक महीने तक रु.Rs.47 पर क्रय-विक्रय हो रहा है और किसी को ऐसा लगता है कि रुपया मूल्यह्रास के बाद रु. Rs.49 पर आ जाएगा तो वह एक करेंसी फ्यूचर्स अनुबंध खरीदकर अधिक्रय के लिए सौदा कर सकता है। यदि उसी परिपक्वता अवधि में अमरीकी डालर / भारतीय रुपया रु.Rs.49 पर आ जाता है, तो वह रु.Rs.2 प्रति डॉलर का लाभ कमाता है। इस प्रकार 1000 डॉलर के एक अनुबंध पर वह रु.2000 का लाभ कमाता है। 2000.
- उदाहरण बी:
- इसके विपरीत, वह अनुबंध 'बेच' सकता है यदि वह भारतीय रुपये में वृद्धि देखता है। उदाहरण के लिए, यदि रुपए का एक माह में रु. Rs.47 पर क्रय-विक्रय हो रहा है और अब ऐसा लगता है कि यह रु Rs.46 पर आ जाएगा तो वह एक मुद्रा वायदा अनुबंध को विक्रय करते हुए `अधिविक्रय की (शॉर्ट)` स्थिति के लिए अनुबंध कर सकता है । यदि उसी परिपक्वता अवधि में अमरीकी डालर / भारतीय रुपये की दर रु. Rs.46 पर आ जाती है तो वह समान क्रय-विक्रय की स्थिति में प्रति डॉलर पर रु.Rs.1 का लाभ अर्जित करता है। वह इस अनुबंध पर रु.Rs.1000/- का लाभ अर्जित करता है। यदि रुपया उसकी आशाओं के विपरीत रु.Rs.49 पर पहुंचता है तो उसे प्रति अनुबंध रु.Rs.2 की हानि होती है, यानी अपने प्रारंभिक मार्जिन से रु.Rs.2000/- खो देता है। ग्राहक अनुबंध की अवधि के दौरान किसी भी समय अपने सौदे से निकल सकता है।
- इसी प्रकार यदि ग्राहक यूरो, स्टर्लिंग पाउंड और जापानी येन जैसी अन्य मुद्राओं की तुलना में भारतीय मुद्रा में अस्थिरता की किसी भी संभावना को देखते हैं तो वे यूरो / भारतीय रुपये /ग्रेट ब्रिटेन पाउंड / भारतीय रुपये और जापानी येन / भारतीय रुपया मुद्रा में लॉन्ग या शॉर्ट स्थिति को लाया जा सकता है. .
- करेंसी फ्यूचर्स में क्रय-विक्रय करने के लाभ
- अनेक प्रकार के वित्तीय बाजार सहभागी -बचावकर्ता (hedgers) (यानी निर्यातकों, आयातकों, कंपनियों और बैंकों) , निवेशकों और आर्बिट्रेज, पारदर्शी मूल्य का अनुमान लगाकर और क्रय-विक्रय आसान हो जाने के कारण लाभान्वित हो रहे हैं।
- बचावकर्ता ( Hedgers): यह उत्पाद विदेशी विनिमय दरों में प्रतिकूल उतार-चढ़ाव के प्रभाव के खिलाफ हेजिंग के लिए प्लेटफार्म प्रदान करता है। यदि आप एक आयातक हैं, तो आप एक भविष्य की तारीख में वास्तविक विदेशी मुद्रा की खरीदी के लिए एक कीमत मेँ "लॉक इन" के लिए एक मुद्रा के वायदा अनुबंध 'खरीद' सकते हैं। इस प्रकार आप विनिमय दर जोखिम से बच सकते हैं जिसे आपको अन्यथा सामना करना पड़ सकता था। यदि आप एक निर्यातक हैं, तो आप विनिमय प्लेटफार्म पर मुद्रा फ्यूचर्स को `विक्रय` कर सकते हैं और भविष्य की तारीख हेतु विक्रय राशि को लॉक कर सकते हैं।
- उदाहरण के लिए, विचार करें कि आप एक निर्यातक हैं और अमरीकी डालर / भारतीय दो महीने के वायदा अनुबंध का वर्तमान में डॉलर प्रति रु.Rs.49 पर क्रय-विक्रय किया जा रहा है। आप को दो महीने के बाद निर्यात से एक राशि प्राप्त होने वाली है और आप पाते हैं कि वर्तमान स्तर बहुत आकर्षक है।Rs.तो फिर आप वर्तमान कीमत पर दो महीने मुद्रा वायदा अनुबंध को 49 रु. Rs.पर 'बेच' सकते हैं। इस प्रकार दो महीने के अंत में आप नियत तिथि पर प्रति डॉलर रु..
- निवेशक:
- वे सभी जो छोटी और मध्यम अवधि में एक्सचेंज दर की वृद्धि (या ह्रास) में रुचि रखते हैं, मुद्रा वायदा बाजार में भाग ले सकते हैं। नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार, व्यक्तियों, कंपनियों या वित्तीय संस्थाओं सहित सभी निवासी भारतीयों को 'मुद्रा वायदा बाजार में भाग लेने के लिए अनुमति दी गयी है। परंतु, वर्तमान अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को मुद्रा वायदा बाजार में भाग लेने की अनुमति नहीं है।
- करेंसी फ्यूचर्स पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- मैं एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए क्रय-विक्रय का अनुबंध करने के बारे में जानकारी कहां से प्राप्त कर सकता हूँ?
- क्रय-विक्रय के सौदे करने के लिए प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की जानकारी, ग्राहक को एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड खाता खोलने के बाद ईमेल के माध्यम से भेजी जाएगी। यह जानकारी retail.onlinesbi.sbi.पर भी उपलब्ध होगी।
- ग्राहक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से संबंधित किसी भी संदेह / प्रश्न के लिए 1800-220-052 (टोल फ्री) /022-26567700, नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
- क्षेत्रीय कोष विपणन इकाइयों की संपर्क सूची
क्रम सं. |
आरटीएमयू का पता |
फोन नं |
ई मेल पते |
1 |
सीटीएमयू, मुंबई |
22891501/02/03/04 |
|
2 |
आरटीएमयू, दिल्ली |
011/23350322, 23713695, 23716680, 23374756 |
|
3 |
आरटीएमयू, कोलकाता |
033- 22883928/29 |
|
4 |
आरटीएमयू,मुंबई |
022/22181796, 22184794, 22155583, 22155647 |
|
5 |
आरटीएमयू, हैदराबाद |
040/24750553, 24756010, 24750443 |
|
6 |
आरटीएमयू, अहमदाबाद |
079-26421282 |
|
7 |
आरटीएमयू, चेन्नई |
044-25233904, 25271096, 25228863, 25224710 |
|
8 |
आरटीएमयू, बेंगलुरू |
080 2594 3184, 080 2594 3185 |
|
- एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड खाता खोलने के लिए किस प्रकार के केवाईसी कागजात प्रस्तुत करने होते हैं?
- एसबीआई फॉरेक्स ट्रेड केवाईसी पुस्तिका बाजार नियामकों, मुद्रा-बाजार और बैंक द्वारा छह दस्तावेज़ निर्दिष्ट किए गए हैं। केवाईसी फार्म में ग्राहक का ब्योरा लिया जाता है जो बैंक द्वारा गोपनीय रखा जाता है। निवेशक के अधिकारों और दायित्वों के दस्तावेज़ में उन ग्राहकों के अधिकारों/ कर्तव्यों को निर्दिष्ट किया गया है जो एक मुद्रा वायदा क्रय-विक्रय खाता खोलना चाहते हैं। जोखिम प्रकटीकरण दस्तावेज़ विनिमय मुद्रा वायदा बाजार क्रय-विक्रय के साथ जुडेा विभिन्न प्रकार के जोखिम भी इसमें बताए गए हैं।
- सदस्य उपभोक्ता करार ग्राहक और ट्रेडिंग सदस्य (एसबीआई) के बीच मुद्रा वायदा बाजार में मुद्रा कारोबार में भाग लेने के लिए बनाया जाता है। इस करार पर स्टाम्प अधिनियम के अनुसार स्टाम्प लगा होना चाहिए जिसकी लागत ग्राहक द्वारा वहन की जाएगी। इलेक्ट्रॉनिकली अनुबंध नोट्स भेजने का करार होने से ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक रूप में अनुबंध नोट्स और अन्य विवरण प्राप्त कर सकता है।
- लियन दर्ज कराना क्या होता है और यह सामान्यतया किए जाने वाले प्रांरभिक ट्रांस्फर से कैसे अलग है?
लियन दर्ज कराना एसबीआई द्वारा अपने ग्राहकों के लिए पेश की गई एक अनोखी सुविधा है। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पेश की गई लियन दर्ज कराने की सुविधा के माध्यम से ग्राहक लियन राशि पर लगातार तब तक ब्याज प्राप्त करता रहता है जबतक कि वास्तविक सौदा पूरा नहीं हो जाता। ऐसे मामले में जब तक प्रारंभिक मार्जिन ट्रांस्फर किया जाता है तब तक ग्राहक सौदा पूरा होने तक ब्याज कमाने का अवसर खो देता है।
- मैं लियन दर्ज करने की स्थिति और अद्यतन ट्रेडिंग सीमा कैसे देख सकता हूँ ?
- जब ग्राहक क्रय-विक्रय करने हेतु लियन दर्ज कराता है तब लियन दर्ज कराने की स्थिति ग्राहक को onlinesbi होमपेज में तत्काल अद्यतन कर दी जाती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लियन दर्ज किए जाने और दर्ज न किए जाने के लिए खाते में कोई अलग से प्रविष्टि पारित नहीं की जाएगी।
- ग्राहक भी तत्काल www.nowonline.inप्लेटफॉर्म पर अद्यतन सीमा देख सकते हैं। यह POSITIONS > RMS SUBLIMITS - पर भी उपलब्ध है।
एक्सचेंज में सौदे होने पर, लियन राशि को कम किया जाता है और दिन के अंत में ग्राहक के खाते में डेबिट प्रविष्टि पारित की जाती है।
- मार्जिन की खुली स्थिति की गणना कैसे की जाती है?
- यह नेट ओपन पोजीशन के मूल्य पर मार्जिन % लगाने से प्राप्त होती है।
- उदाहरण के लिए, आपने रु. Rs.की दर से 27 अगस्त 2010 को अमरीकी डॉलर-भारतीय रुपये में 1000 के 1लॉट में प्रारंभिक मार्जिन % अमरीकी डॉलर-भारतीय रुपये में 5% पर ओपन बॉय पोजीशन के लिए अनुबंध किया है। ऐसे मामले में, स्थिति स्तर पर मार्जिन 1 * 1000 * 50 * 5% = Rs.2500 होगा
- कैलेंडर स्प्रेड का क्या अर्थ है ?
- कैलेंडर स्प्रेड से आशय अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहे अनुबंधों के आधारभूत जोखिमों की स्थिति को समायोजित करने से है।
- उदाहरण के लिए, आप रु.Rs. 50 की दर से 2000 की मात्रा में दो लॉटों में 27 अगस्त 2010 को यूएस डॉलर भारतीय रुपया मुद्रा में खरीदने का वायदा अनुबंध करते हैं और रु. Rs.55 की दर से 1000 की मात्रा में एक लॉट में 28 सितंबर 2010 को यूएस डॉलर भारतीय रुपया मुद्रा में बेच देते हैं। 27 अगस्त 2010 को यूएस डॉलर भारतीय रुपया में एक लॉट खरीदने और 28 सितंबर 2010 को यूएस डॉलर भारतीय रुपया मुद्रा में बेचने के एक दूसरी मुद्रा के अंतर को ‘स्प्रेड पोजीशन’ कहा जाता है। इस स्प्रेड पोजीशन में मार्जिन की गणना में प्रारंभिक मार्जिन के प्रतिशत की बजाय स्प्रेड मार्जिन के प्रतिशत के आधार पर की जाएगी। इस उदाहरण में, 1000 मात्रा के शेष 1 लॉट के लिए 27 अगस्त 2010 को यूएस डॉलर भारतीय रुपया मुद्रा में खरीदने के वायदा अनुबंध में मुद्राओं के मूल्य में किसी अंतर का लाभ नहीं मिल पाएगा इसलिए प्रारंभिक मार्जिन के आधार पर ही गणना करनी होगी।
- कैलेंडर स्प्रेड के मामले में मार्जिन की गणना कैसे की जाती है?
मुद्राओं के मूल्य में कतिपय तारीखों को अंतर का लाभ लेने के लिए किए जाने वाले अनुबंधों में एक्स्चेंज द्वारा निर्धारित न्यूनतर मार्जिन रखना होता है और न्यूनतर मार्जिनों का लाभ यदि कोई होता है तो वह ग्राहक को दिया जाता है।
- मैं करेंसी फ्यूचर्स में अपनी खुली स्थिति (ओपन पोजीशंस) को कैसे देख सकता हूँ ?
- आप पोजीशन टैब में "POSITIONS" पर क्लिक करके अपने सभी वायदा अनुबंधों की खुली स्थितियों को देख सकते हैं। आप दिनवार / नेटवार स्थिति देख सकते हैं। ‘दिनवार स्थिति’ वह होती है जो दिन के क्रय-विक्रय के आधार पर होगी है जबकि नेटवार स्थिति में भविष्य में होने वाले क्रय-विक्रयों की स्थिति दिखाई जाती है।
- फ्यूचर्स पोजीशन टेबल में इस प्रकार की जानकारी दी जाती है, जैसे – अनुबंध का ब्योरा, क्रय / विक्रय स्थिति, लोट्स(अनुबंधों की संख्या), मात्रा, क्रय आदेश लोट्स, विक्रय आदेश लोट्स , आधार मूल्य, अंतिम कारोबार मूल्य (एल टी पी ), खुली स्थिति में कुल मार्जिन एवं आधारभूत समूह स्तर।
- इसके अलावा, अनुबंध नोट और दैनिक विवरणी नियामक दिशानिर्देशों के अनुसार आपको भेजी जाएगी।
- क्या मैं मार्जिन की कमी के कारण विपरीत स्थिति से बचने के लिए क्या कोई सावधानी ले सकता हूँ?
- हाँ, आप हमें आदेश देते समय स्वेच्छा से हमेशा मार्जिन जोड़ सकते हैं या किसी भी समय अतिरिक्त मार्जिन दे सकते हैं। पर्याप्त मार्जिन रहने की स्थिति में बाजार में प्रतिकूल स्थिति के मामले में किसी भी अतिरिक्त मार्जिन की मांग से बच सकते हैं।
- इंट्रा डे ट्रिगर पॉइंट
- ग्राहक को अपने मार्जिन खाते में मार्जिन बढ़ाने के लिए, निम्नांकित स्तर पर अलर्ट प्राप्त होंगे
क्रम संख्या |
स्तर |
कार्रवाई |
1. |
मार्जिन का 70% |
टॉप अप, एसएमएस के लिए अलर्ट। |
2. |
मार्जिन का 80% |
टॉप अप के लिए अलर्ट, एसएमएस भेजिए। |
3. |
मार्जिन का 90% |
बैंक द्वारा खाते से राशि समायोजित करना। |
- ग्राहकों को यह सलाह दी जाती है कि आवश्यक मार्जिन पर एक अतिरिक्त व्यवस्था बनाए रखें ताकि बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में राशि समायोजित न करनी पड़े।
- उदाहरण के लिए, एक ग्राहक को 5% (रु.Rs.2300) मार्जिन दिया गया है। जब मार्जिन 70% (रु.Rs.1610) के स्तर तक गिर जाता है तो उसे अपने खाते में मार्जिन बढ़ाने के लिए पहला अनुरोध भेजा जाता है। दूसरा अलर्ट 80%(रु.Rs.1840) पर भेजा जाता है और 90%(रु.Rs.2300) पर अंतिम अलर्ट भेजा जाता है। यदि इस स्तर पर भी ग्राहक खाते में मार्जिन नहीं बढ़ा पाता है तो बैंक को अधिकार होगा कि वह ग्राहक के खाते से राशि समायोजित कर ले।
- ईओडी एमटीएम (एंड आफ डे – मार्क टू मार्केट) प्रक्रिया से क्या मतलब है ?
- करेंसी फ्यूचर्स सेटलमेंट प्रोसेस में दैनिक ईओडी एमटीएम एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिसके लिए रेग्यूलेटर्स द्वारा आदेश दिया जाता है। हर दिन ओपन करेंसी फ्यूचर्स स्थिति का निपटारा किया जाता है जो एक्स्चेंजों द्वारा उस दिन के लिए घोषित सेटलमेंट प्राइस पर किया जाता है।
- आधार कीमत की तुलना निपटारे के मूल्य के साथ की जाती है और इसके अंतर का निपटारा नकदी में किया जाता है। ईओडी एमटीएम में लाभ / हानि के मामले में, खाते को क्रमशः डेबिट / क्रेडिट किया जाता है। इससे निकाली गई स्थिति अगले दिन के लिए आगे ले जाई जाती है। ऐसा अंतिम ईओडी एमटीएम के बाद निकाले गए पिछले ट्रेडिंग डे के सेटलमेंट प्राइस पर किया जाता है।
- एमटीएम के कारण होने वाले दैनिक लाभ/हानि को अगले दिन ग्राहक के खाते में डेबिट/क्रेटिड किया जाता है।
- करेंसी फ्यूचर्स में निपटारे में मेरे क्या दायित्व हैं? ?
करेंसी फ्यूचर्स मार्केट में आपके निम्नांकित दो निपटारा दायित्व हो सकते हैं:
- दैनिक निपटारा दायित्व : (प्रविष्टियां क्रय-विक्रय के दिन +1 दिन आधार पर ग्राहक के खाते में पारित की जानी चाहिए)
- एमटीएम लाभ और हानि के कारण भुगतान अदायगी/ एवं भुगतान प्राप्ति (पे आउट /पे इन)।
- 5% मार्जिन की आवश्यकता के कारण भुगतान अदायगी/ एवं भुगतान प्राप्ति (पे आउट /पे इन)।
(5% से अधिक अतिरिक्त मार्जिन ग्राहक के खाते में जमा किया जाएगा जबकि 5% से नीचे की कमी को ग्राहक के खाते से डेबिट किया जाएगा।
- दलाली (ब्रोकरेज), लागू करों और कानूनी लेवी के कारण भुगतान-प्राप्ति (पे इन)।
- II. अंतिम निपटारे के समय दायित्व:
- अंतिम निपटारे के समय लाभ और हानि के कारण भुगतान-अदायगी/भुगतान-प्राप्ति(पे आउट /पे इन)।
- अंतिम निपटारे के समय दलाली (ब्रोकरेज) और कानूनी लेवी के कारण भुगतान-प्राप्ति (पे इन)।
- लागू करों के कारण भुगतान-प्राप्ति (पे इन)।
- क्या अनुबंध की अवधि के दौरान स्थिति समायोजित करना अनिवार्य है?
नहीं। एक्स्चेंज में अनुबंध समाप्ति के अंतिम दिन आपकी स्थिति स्वतः समायोजित हो जाएगी। आपकी स्थिति मौजूदा नियमों के अनुसार अंतिम निपटारे के समय के मूल्य पर समायोजित होगी। अंतिम निपटारे के समय का मूल्य पिछले ट्रेडिंग दिवस के भारतीय रिज़र्व बैंक की संदर्भ दर के अनुसार होगा।
- दायित्व की राशि मेरे बैंक खाते में कब डेबिट या क्रेडिट की जाएगी?
सभी करेंसी फ्यूचर्स सौदों के दैनिक दायित्वों का निपटारा एक्स्चेंज द्वारा क्रय-विक्रय के दिन +1 दिन आधार पर और अंतिम निपटारे के समय के दायित्व क्रय-विक्रय के दिन +2 दिन आधार पर किया जाता है।
- बैंक में दैनिक निपटारे के समय के दायित्व: इसका अर्थ यह है कि भविष्य में या उस क्रय-विक्रय के दिन ईओडी एमटीएम से उत्पन्न कोई भी दैनिक दायित्व को अगले कारोबारी दिन पर तत्काल निपटाया जाता है। इसका अर्थ यह भी है कि यदि क्रय-विक्रय के दिन आपका डेबिट दायित्व है तो भुगतान इसी दिन किया जाएगा। जबकि यदि वह क्रेडिट दायित्व है तो राशि को आपके खाते में क्रय-विक्रय के दिन +1 दिन पर जमा की जाएगी । यदि क्रय-विक्रय का दिन +1 दिन अवकाश के दिन हैं, तो राशि आपके खाते में अगले कार्य दिवस को जमा की जाएगी।
- बैंक में अंतिम निपटारे के समय के दायित्व : आपके अंतिम निपटारे के समय के दायित्वों का निपटारा दैनिक निपटारे के समय के दायित्व के अनुसार ही किया जाएगा सिवाय इसके कि आपके क्रेडिट दायित्व का निपटारा आपके खाते में क्रय-विक्रय के दिन +2 दिन या अगले कार्य दिवस को किया जाएगा, यदि क्रय-विक्रय का दिन +2 दिन अवकाश के दिन हैं।
- मैं लियन को कैसे रद्द करा सकता हूँ और राशि को उससे मुक्त करा सकता हूँ?
ग्राहक लियन को रद्द कराने के लिए किसी भी समय अनुरोध कर सकता है। इस संबंध में निम्नांकित प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।
- लियन रद्द कराने के लिए, ग्राहक को onlinesbi होम पेज में REQUESTS पेज पर जाकर SBI FX TRADE का चयन करना होगा और रद्द कराई जाने वाली लियन की राशि एटंर करनी होगी।
- लियन रद्द कराने के लिए शाम 5:00 बजे से पहले किए गए अनुरोध के अनुसार मार्केट बंद होने के बाद उसी दिन लियन रद्द कर दिया जाएगा।
- लियन रद्द कराने के लिए शाम 5:00 बजे के बाद किए गए अनुरोधों पर अगले दिन ट्रेडिंग समाप्त होने के समय ही कार्रवाई की जाएगी।
- इसलिए ग्राहक से उम्मीद की जाती है कि वह लियन की राशि का उपयोग तब तक न करे जब तक लियन समाप्त नहीं कर दिया जाता। अगर ग्राहक अगले ट्रेडिंग दिन को उस राशि का उपयोग कर लेता है तो लियन रद्द करने का अनुरोध खारिज कर दिया जाएगा।
- लियन मार्किंग के मामले के समान ही जब कोई अनमार्क लियन की राशि का उपयोग कर लिया जाता है तो ग्राहक के खाते में कोई भी प्रविष्टि पारित नहीं की जाती है । केवल अनमार्क राशि तक लियन राशि को कम किया जाता है ।
- SBI FX TRADE के लिए लागू दलाली (ब्रोकरेज) दरें क्या हैं?
हम ग्राहकों के विभिन्न कारोबारों के अनुरूप मात्रा के आधार पर बढ़ने वाली दलाली दरों की पेशकश करते हैं। हमारी दलाली दरें पारदर्शी हैं और इसमें किसी भी प्रकार का कोई छिपा शुल्क नहीं लगाया जाता है।
क्रम सं. |
स्लैब कोड |
मानदंड (मासिक मात्रा) |
ब्रोकरेज (खरीद / बिक्री) |
1 |
प्लेटिनम |
=> 5करोड़ |
Rs.5 रु. प्रति लॉट |
2 |
डायमंड |
=> 1करोड़ <5करोड़ |
Rs. 7.5रु. प्रति लॉट |
3 |
गोल्ड |
> 25 लाख <1 करोड़ |
Rs.10 रु. प्रति लॉट |
4 |
रजत |
25 लाख तक |
Rs.12.5 रु. प्रति लॉट |
|
मैक्सी-गेन (इंटरा-डे सेटलमेंट)
|
|
- Rs.2.5 रु. प्रति लॉट प्लेटिनम ग्राहकों के लिए
- Rs.5 रु. प्रति लॉट अन्य ग्राहकों के लिए
|
- ध्यान दें :-
- आरंभ में सभी ग्राहकों को खाता खोलने के समय ग्राहक स्लैब में से कोई एक स्लैब अपेक्षित मात्रा के आधार पर आवंटित किया जाएगा।
- ग्राहक द्वारा वास्तव मे किए गए क्रय-विक्रय का सत्यापन श्रेणी विशेष की मात्राओं के अनुसार नियमित अंतराल पर किया जाएगा और ब्रोकरेज श्रेणी तदनुसार संशोधित की जाएगी।
- लागू होने वाले कर ग्राहक से वसूला जाएगा।
- उपरोक्त दरों में बैंक अपने विवेकानुसार किसी भी समय परिवर्तन कर सकता है।
- ग्राहक को सदस्य - ग्राहक करार से संबंधित लागू शुल्क वहन करने होंगे।
- खाता खोलने के शुल्क और वार्षिक रखरखाव शुल्क पहले वर्ष में नहीं लिए जाएंगे।